चूंकि शब्दों के दो प्रकार के मतलब होते हैं अत: वे घिसे या न घिसें हमें उनका उपयोग बहुत संभल कर करना चाहिये. सही उपयोग श्रोता को जीवनदान देगा -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है. इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?
Thanks ! I checked the site immediatly on receipt of your email. Some of the poems are familiar -- and some of them had inspired me to wrte my own poetic response.
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चूंकि शब्दों के दो प्रकार के मतलब होते हैं अत: वे घिसे या न घिसें हमें उनका उपयोग बहुत संभल कर करना चाहिये. सही उपयोग श्रोता को जीवनदान देगा -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?
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